सत्य जानते हुए भी मनुष्य मृत्यु से सबसे अधिक डरता है। आप किसी से भी सवाल कर लीजिए... वह ना तो अंधेरे से इतना डरता होगा ना ही किसी जानवर से... यदि किसी बात का सबसे अधिक उसे भय सताता है तो वह है उसकी मौत!
लेकिन फिर भी मौत तो आनी ही है, कैसे भी, कभी भी और कहीं भी। यह आने से पहले बताती नहीं है। कहते हैं मौत आने से कुछ लम्हों पहले ही मनुष्य को यमराज दिखाई देने लगते हैं। कई बार लोगों ने बताया कि उनके संबंधी मरने से पहले बता रहे थे कि ‘यम उन्हें लेने आ गए हैं’।
अचंभा होता है ऐसी बातें सुनकर, लेकिन इसी के साथ एक और बात काफी हैरान करती है। मरने से कुछ समय पहले ही व्यक्ति की आवाज़ बंद हो जाती है, वह बोल नहीं सकता... ऐसा क्यों!
पौराणिक तथ्यों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जब मृत्यु की घड़ी निकट आती है तो यम के दो दूत मरने वाले प्राणी के सामने आकर खड़े हो जाते हैं।
उन्हें देखकर प्राणी घबरा जाता है और चाहकर भी वह अपनी जुबान खोल नहीं पाता। वह कोशिश तो करता है लेकिन उसके गले से घर-घर की आवाज के अलावा और कुछ नहीं निकलता।
यमदूत यमपाश फेंककर जब शरीर से प्राण खींचने लगते हैं तब पूरे जीवन में व्यक्ति ने जो भी कर्म किए हैं वह सारी घटनाएं व्यक्ति की आंखों के सामने से एक-एक करके तेजी से गुजरती हैं। यह सारी घटनाएं कर्म बनकर आत्मा के साथ जुड़ जाती हैं। इन्ही कर्मों को देखकर यमराज प्राणी के विषय में न्याय करते हैं और उसे स्वर्ग का सुख या फिर नर्क की सज़ा सुनाते हैं।